Friday, May 1, 2020

आशा की किरण

-आईदान राम
बहुत हिम्मत जुटा कर सौम्या पापा के पास आई और बोली -"पापा मुझे यूपीएससी करना है तो .....तो कोचिंग लगा लेती तो ...!
पापा ने बीच मे रोका और बोले क्या यूपीएससी? यूपीएससी बच्चों का खेल नहीं है। तुम्हारे बस का नहीं है, और तुम्हें कमी क्या है? अच्छे घर में ही शादी कराएंगे तुम्हारी, उम्र हो गयी है शादी की। घर का काम-वाम सीखो। इतने साल पढ़ाया, क्या कर लिया पढ़ लिख कर?
सौम्या चुपचाप अन्दर चली गयी ।
एक दिन यूट्यूब पर कुछ देख रही थी तभी उसे यूपीएससी से रिलेटेड वीडियो दिखा उसको आईडिया आया। वो सारी उम्मीद छोड़ चुकी थी पर उसे कहीं आशा की किरण नजर आई। उसने यूट्यूब पर देख कर सारा स्टडी मैटेरियल ऑनलाइन मंगा लिया। अब सौम्या दिन में मम्मी की मदद करती और रात भर बैठकर पढ़ती। जल्द ही यूपीएससी का प्रीलिम्स आया और सौम्या एग्जाम देने गई। कुछ दिन बाद जब रिजल्ट आया तो उसने देखा कि उसने ना सिर्फ क्वालीफाई किया बल्कि अच्छे नंबर भी लेकर आई।
वो पापा के पास गयी और कहा- पापा मेरा प्री क्लियर हो गया।
पापा ने कहा- क्या हो गया?
उसने दोबारा कहा- मेरा प्री क्लियर हो गया और मेरे 400 मे से 349 माक्र्स आए हैं।
उसने पापा को मोबाइल में रिजल्ट दिखाया। पापा हैरान थे।
पापा ने कहा- बेटा अब मैन्स के लिए कहां कोचिंग लगवानी है। कहो तो दिल्ली भेज दें?
सौम्या को आश्चर्य हुआ फिर उसने कहा- नहीं पापा अब तक मैंने सब अकेले अपने दम पर किया है, आगे भी खुद ही करूँगी।
पापा मुस्कुराए और कहा- जाओ बेटा पढऩे बैठ जाओ, प्राउड ऑफ यू।

-आईदान राम की फेसबुक वॉल से साभार

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