एक बार समुद्री तूफान के बाद हजारों-लाखों मछलियाँ किनारे पर रेत पर तड़प-तड़प कर मर रही थीं। इस भयानक स्थिति को देखकर पास में रहने वाले बच्चे से नहीं रहा गया, और वह एक-एक मछली उठा कर समुद्र में वापस फेंकने लगा।
यह देख कर उसकी माँ बोली, बेटा लाखों की संख्या में मछलियां हैं, तू कितनों की जान बचा पाएगा?
यह सुनकर बच्चे ने अपनी गति और बढ़ा दी, माँ फिर बोली- बेटा रहने दे कोई फर्क नहीं पड़ता। बच्चा जोर-जोर से रोने लगा और एक मछली को समुद्र में फेंकते हुए जोर से बोला- माँ 'इसको तो फर्क पड़ता है'।
दूसरी मछली को उठाता और फिर बोलता माँ 'इसको तो फर्क पड़ता है'। माँ ने बच्चे को सीने से लगा लिया!
साथियों हो सके तो लोगों को हमेशा 'हौसला और उम्मीद' देने की कोशिश करें। आज इस विपरीत परिस्थिति में किसी एक की भी मदद कर सकते हों तो करें। न जानें कब आपकी वजह से किसी की जिन्दगी बदल जाए। हो सकता है कि आप लाखों लोगों की जिंदगी में फर्क न डाल पाएं लेकिन कुछ लोगों की जिंदगी में तो फर्क डाल सकते हैं।
क्योंकि आपको कोई फर्क नहीं पड़ता पर
'उसको तो फर्क पड़ता है'
-सोशल मीडिया से प्राप्त
Thursday, April 29, 2021
'उसको तो फर्क पड़ता है'
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