Sunday, January 1, 2023

संकल्पों को दोहराओ... लेकिन पूरा करने के लिए

लो एक और साल शुरू हो गया... हम फिर से अपने संकल्प दोहराएंगे। और गुजरते वक्त के साथ उन संकल्पों को छोड़ देंगे या इतनी ढील दे देंगे कि वे अपने आप ही हमें छोडऩे की कगार पर पहुंच जाएंगे। आखिर जब संकल्प ले ही लिया है तो फिर पूरा क्यों नहीं करते.... क्यों फंस जाते हैं इस दुनियावी जाल में। जब तय किया है कि फलां एग्जाम को फतेह करना है तो उस एग्जाम की तारीख चाहे एक महीने बाद हो या एक साल बाद... उसे क्रैक करने करने के लिए जुटने में संकोच या ढिलाई क्यों????
पढऩे के अनेक बहाने जुटाएंगे, लेकिन उन संसाधनों तक पहुंचने के लिए थोड़ा भी प्रयास नहीं करते जो हमें हमारे संकल्प तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होते हैं। क्या बहाना लगाते हैं... टाइम नहीं मिला, किताब नहीं मिली, आज सर्दी ज्यादा है, आज गर्मी जोरों पर है... या फिर 'मूड' नहीं है....
छोड़ो ये सब... आखिर जिन माता-पिता ने हमें पढ़ाने के लिए इतना कुछ किया है... अब जब वे इस उम्मीद में हैं कि हम हमारे लक्ष्य को क्रैक करेंगे और उनके सपनों को पूरा करेंगे तो हम बहाना मार रहे हैं। वो भी ऐसा जिसे सुनकर सामने वाला मन में हंसता होगा।
चलो उठो मेरे प्यारे दोस्त... कुछ करते हैं... ऐसा जो हम आज संकल्प ले रहे हैं, उसे पूरा करने में सहायक हो। तय करो कि जो भी वक्त मिले, जो भी संसाधन मिले उसका उपयोग अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगा देंगे।
किताबों की धूल झाड़ लो... अनावश्यक एप्स को अपने मोबाइल से हटा लो। जो लक्ष्य की ओर से ले जाए.... तुम्हारे संकल्प को पूरा करे, अपने कमरे में... अपने मोबाइल में वही रखो। ऐसा नहीं है कि तुम्हें समय नहीं मिलता... बस में, ट्रेन में सफर करते-करते क्यों गेम खेलने लगते हो... इसकी बजाय ऑनलाइन स्टडी के इतने टूल हैं, किसी का भी उपयोग करो... कमरे में पड़े-पड़े छत को निहारने या टीवी का रिमोट दबाना बंद कर दो... सीधे किताब उठाओ और पढ़ो।
जो भी वक्त मिला है... जैसी भी परिस्थिति है... रुकना मत। नहीं तो पिछले साल की तरह इस बार भी वक्त निकल जाएगा और 2024...2025...2026... ऐसे ही निकलते जाएंगे। आखिर में वह साल भी आएगा, जब फॉर्म भरते हुए 'तुम्हारी उम्र निकल गई' जैसा वाक्य सुनने को मिलेगा।
तो मेरे दोस्त संकल्पों को दोहराओ... लेकिन पूरा करने के लिए।

-GKnews Team

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