Thursday, June 4, 2020

IAS Aspirant : चरैवेति - चरैवेति

इस परीक्षा (आईएएस) के बारे में शुरू में ही जान लें कि "ये राह नहीं आसां बस इतना समझ लीजिये। इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है।" यदि कलेक्टर बनने का ख्वाब देख रहे हो तो एक बार फिर सोच लो। कहीं ऐसा न हो कि आधे रास्ते पहुंच कर पछताना पड़े कि यार कहां आकर फंस गए?

मेहनत करके रात-दिन एक कर दिया। सारे सब्जेक्ट रट लिए हैं। सैकड़ों बार तो इन किताबों और पत्रिकाओं को पढ़ चुके हैं। अच्छी कोचिंग भी कर ली है, खूब अभ्यास भी करते हैं। अब और क्या करें सफलता पाने के लिए। आपके मन में बार-बार इस तरह के निराशाजनक विचार पैदा होंगे। बार-बार मन में विचार उठेंगे कि बड़े-बड़े धुरंधरों का सेलेक्शन जब नहीं हो रहा है  तो फिर हम किस खेत की मूली हैं। आपको इस तरह के निराशाजनक विचारों से लगातार खुद को मुक्त करते रहना होगा।

खुद को साबित करने के लिए हर क्षण आत्मविश्वास धैर्य, दृढ़ता और समर्पण की डोर कस कर पकड़े रहना होगा। 'एकला चलो रे' तथा 'चरैवेति - चरैवेति' का सूत्र ध्यान  रखना होगा। अपने कान में खुद के द्वारा  मंत्र फूंकते रहना होगा कि मै कर लूँगा। हां मैं कर लूँगा। “Yes, If I Can Dream It I Can do It.” हां मैं करके दम लूंगा। यह मेरा संकल्प हैं। कलेक्टर मुझे बनना है किसी और को नहीं। नहीं... मैं खुद को एक मजाक बनने नहीं दूंगा। हां मैं अपने लिए एक स्थान बना कर दम लूंगा। मैं इसके लिए तन-मन-धन सब एक कर दूंगा। मैं खुद को भीड़ में नहीं खोने दूंगा। यही मेरा इश्क है। यही मेरा जुनून है। मैं ख्वाब को हकीकत में बदल कर ही रूकूंगा। यह मैं और मेरा खुदा जानता है कि मैंने ईमानदारी से मेहनत की है। मैंने अपनी दिशा नहीं छोड़ी। यदि किया गया परिश्रम व्यर्थ नहीं जाता तो मुझे मेरी मंजिल जरूर मिलेगी।
भगवान के घर देर हो सकती है लेकिन अंधेर नहीं है। इसी तरह खुद को बुलंद, बेबाक और बहादुर बनाना होगा। इस बात को सदैव ध्यान रखना -
 
"खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले।
खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है।"

जब सच्चे मन से पढ़ाई करोगे तो वह एक तपस्या बन जाती है। उसमें खुदाई अंदाज पैदा हो जाता है। ईश्वर खुद तुम्हारी मदद के लिए हाजिर हो जाता है। लेकिन बहुत कम अभ्यर्थी खुद को इस लेवल तक पहुंचा पाते हैं। कहना आसान है करना मुश्किल। आप खुद सोचो अब तक आपने जो भी सोचा उसमें से कितना कर पाए? इसी से आगे का अंदाजा लगा लो।

-आईएएस विद्यार्थी मित्र से साभार

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