-शुभम कुमार यश
जो छात्र अभी ग्रेजुएशन में हैं या कहीं बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पा रहे हैं और आईएएस की तैयारी शुरू करना चाहते हैं, उनके मन में ढेरों सवाल होते हैं?
उनके लिए इस पोस्ट को मैंने तैयार किया है...आशा है कि आपकी कुछ मदद करेगी :
मैं आपको कुछ टिप्स दे रहा हूँ जो आपको आईएएस की तैयारी में मदद करेंगी!
1. आईएएस की तैयारी की शुरुआत एनसीईआरटी की बुक्स से कीजिये। उनका कोई भी विकल्प नहीं है। एनसीईआरटी आपका 'बेस' क्लियर करने के काम में आती हैं। ऐसे छात्र जिनकी पृष्ठभूमि कला क्षेत्र से न रही हो। उनके लिए ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। एनसीईआरटी को खत्म करने का टारगेट बनाइये और दो माह में इसे खत्म कर दीजिये। इस दौरान आपको नोट्स नहीं बनाने हैं। सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको आगे सहायता प्रदान करेंगे, उन्हें हाईलाइट करते हुए चलना है। कम से कम चार विषय जिसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र आदि की 6 से 12 तक की तो खत्म ही कर लीजिये।
2. जब एनसीईआरटी खत्म हो जाये फिर आपको हर विषय की मुख्य किताब लेनी होगी। 'हर विषय के विशेषज्ञों की अलग-अलग किताबें हैं।' अब एक-एक विषय को लीजिये और उसकी एनसीईआरटी भी लीजिये। फिर उसे पढ़कर नोट्स बनाते जाइये जिसमें एनसीईआरटी की भी मदद लीजिए। जब एक विषय पूरा हो जाये फिर दूसरा ले लीजिये और उसी दौरान पहले का रिवीजन करते जाइये। फिर तीसरी, चौथी आदि इसी तरह प्रक्रिया आगे बढाइये।
3. आईएएस की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण हैं समाचार पत्र। आखिर आपको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का पता होना चाहिए। अब सवाल ये आता है कि कौन सा समाचार पत्र? कई लोगों ने मुझसे कहा था कि सर हमारे यहाँ 'द हिन्दू' नहीं आता। ऐसे भी बहुत लोग हैं जिन्हें अंग्रेजी में समस्या होती है। तो देखिये समाचार पत्र जरुरी नहीं कि 'द हिन्दू' ही हो। अगर आपको नहीं मिल पा रहा या नहीं समझ आ रहा तो आप कोई भी एक राष्ट्रीय पेपर फॉलो कर सकते हो। समाचार पत्र में मुख्य पृष्ठ पढऩे के बाद, देश-विदेश, अर्थव्यवस्था वाला पेज। इसके बाद सीधे सम्पादकीय पृष्ठ पर जाइये, खेल और बाकी सरसरी निगाह से देख लीजिये।
4. अब बारी आती है मासिक पत्रिका की। कुछ लोग प्रतियोगिता दर्पण कहते हैं। पर यहाँ पर मैं एक चीज कहना चाहूंगा कि अगर आप पीसीएस की तैयारी कर रहे हो तो प्रतियोगिता दर्पण ठीक है पर आईएएस की तैयारी के लिए सिविल सर्विस क्रॉनिकल, सिविल सर्विसेज टाइम्स या फ्रन्टलाइन इनमे से किसी एक पत्रिका को नियमित फॉलो कीजिये। जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक। किसी भी माह की पत्रिका छूटने न पाये!!
5. सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा इसमें अनसॉल्वड पेपर्स बहुत अहमियत रखते हैं। मैं कहता हूँ कि आप सब तैयारी शुरू करने से पहले ही अनसॉल्वड पेपर्स देख लें। इससे आपको आईएएस परीक्षा के प्रश्नों के स्वरुप का पता चलता है। क्योकि इस परीक्षा में प्रश्नो का स्वरुप अन्य सभी बैंक, एसएससी आदि से भिन्न होता है। इसलिए पेपर्स ले लेकर प्रश्नो के स्वरुप को ठीक तरह से समझ लें।
6. एक सबसे महत्वपूर्ण काम जो आपको पूरी तैयारी के दौरान करना है कि आप रोज किन्हीं 2 प्रश्नों को लेकर आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस कीजिये। वो प्रश्न किसी भी चीज से सम्बंधित हो सकते हैं। विषय से या समसामयिक मुद्दे से, क्योंकि आईएएस मुख्य परीक्षा में सफलता का एक मात्र आधार आपका उत्तर लेखन ही है।
दोस्तों आईएएस में सफलता का एक ही फॉर्मूला है 'नियमित और विश्लेषणात्मक अध्ययन'। यहाँ सिर्फ पढऩा नहीं बल्कि आपको पता होना चाहिए कि किस तरह पढऩा है। अगर आप सही दिशा में अध्ययन कर रहे हैं तो 10 माह में भी सफल हो जायेंगे और अगर आप दिशाविहीन तैयारी कर रहे हैं तो 10 वर्ष भी आप परिश्रम कर लें कुछ नहीं हासिल होने वाला।
शुभम कुमार यश की फेसबुक वॉल से साभार
जो छात्र अभी ग्रेजुएशन में हैं या कहीं बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पा रहे हैं और आईएएस की तैयारी शुरू करना चाहते हैं, उनके मन में ढेरों सवाल होते हैं?
- आईएएस के लिए क्या-क्या पढऩा पड़ेगा?
- कैसे पढ़ना पड़ेगा?
- कौन-कौन सी बुक्स पढ़नी पड़ेंगी?
- न्यूज पेपर और मैगजीन जरुरी हैं क्या?
- अगर हाँ तो कौन सी?
उनके लिए इस पोस्ट को मैंने तैयार किया है...आशा है कि आपकी कुछ मदद करेगी :
मैं आपको कुछ टिप्स दे रहा हूँ जो आपको आईएएस की तैयारी में मदद करेंगी!
1. आईएएस की तैयारी की शुरुआत एनसीईआरटी की बुक्स से कीजिये। उनका कोई भी विकल्प नहीं है। एनसीईआरटी आपका 'बेस' क्लियर करने के काम में आती हैं। ऐसे छात्र जिनकी पृष्ठभूमि कला क्षेत्र से न रही हो। उनके लिए ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। एनसीईआरटी को खत्म करने का टारगेट बनाइये और दो माह में इसे खत्म कर दीजिये। इस दौरान आपको नोट्स नहीं बनाने हैं। सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको आगे सहायता प्रदान करेंगे, उन्हें हाईलाइट करते हुए चलना है। कम से कम चार विषय जिसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र आदि की 6 से 12 तक की तो खत्म ही कर लीजिये।
2. जब एनसीईआरटी खत्म हो जाये फिर आपको हर विषय की मुख्य किताब लेनी होगी। 'हर विषय के विशेषज्ञों की अलग-अलग किताबें हैं।' अब एक-एक विषय को लीजिये और उसकी एनसीईआरटी भी लीजिये। फिर उसे पढ़कर नोट्स बनाते जाइये जिसमें एनसीईआरटी की भी मदद लीजिए। जब एक विषय पूरा हो जाये फिर दूसरा ले लीजिये और उसी दौरान पहले का रिवीजन करते जाइये। फिर तीसरी, चौथी आदि इसी तरह प्रक्रिया आगे बढाइये।
3. आईएएस की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण हैं समाचार पत्र। आखिर आपको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का पता होना चाहिए। अब सवाल ये आता है कि कौन सा समाचार पत्र? कई लोगों ने मुझसे कहा था कि सर हमारे यहाँ 'द हिन्दू' नहीं आता। ऐसे भी बहुत लोग हैं जिन्हें अंग्रेजी में समस्या होती है। तो देखिये समाचार पत्र जरुरी नहीं कि 'द हिन्दू' ही हो। अगर आपको नहीं मिल पा रहा या नहीं समझ आ रहा तो आप कोई भी एक राष्ट्रीय पेपर फॉलो कर सकते हो। समाचार पत्र में मुख्य पृष्ठ पढऩे के बाद, देश-विदेश, अर्थव्यवस्था वाला पेज। इसके बाद सीधे सम्पादकीय पृष्ठ पर जाइये, खेल और बाकी सरसरी निगाह से देख लीजिये।
4. अब बारी आती है मासिक पत्रिका की। कुछ लोग प्रतियोगिता दर्पण कहते हैं। पर यहाँ पर मैं एक चीज कहना चाहूंगा कि अगर आप पीसीएस की तैयारी कर रहे हो तो प्रतियोगिता दर्पण ठीक है पर आईएएस की तैयारी के लिए सिविल सर्विस क्रॉनिकल, सिविल सर्विसेज टाइम्स या फ्रन्टलाइन इनमे से किसी एक पत्रिका को नियमित फॉलो कीजिये। जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक। किसी भी माह की पत्रिका छूटने न पाये!!
5. सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा इसमें अनसॉल्वड पेपर्स बहुत अहमियत रखते हैं। मैं कहता हूँ कि आप सब तैयारी शुरू करने से पहले ही अनसॉल्वड पेपर्स देख लें। इससे आपको आईएएस परीक्षा के प्रश्नों के स्वरुप का पता चलता है। क्योकि इस परीक्षा में प्रश्नो का स्वरुप अन्य सभी बैंक, एसएससी आदि से भिन्न होता है। इसलिए पेपर्स ले लेकर प्रश्नो के स्वरुप को ठीक तरह से समझ लें।
6. एक सबसे महत्वपूर्ण काम जो आपको पूरी तैयारी के दौरान करना है कि आप रोज किन्हीं 2 प्रश्नों को लेकर आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस कीजिये। वो प्रश्न किसी भी चीज से सम्बंधित हो सकते हैं। विषय से या समसामयिक मुद्दे से, क्योंकि आईएएस मुख्य परीक्षा में सफलता का एक मात्र आधार आपका उत्तर लेखन ही है।
दोस्तों आईएएस में सफलता का एक ही फॉर्मूला है 'नियमित और विश्लेषणात्मक अध्ययन'। यहाँ सिर्फ पढऩा नहीं बल्कि आपको पता होना चाहिए कि किस तरह पढऩा है। अगर आप सही दिशा में अध्ययन कर रहे हैं तो 10 माह में भी सफल हो जायेंगे और अगर आप दिशाविहीन तैयारी कर रहे हैं तो 10 वर्ष भी आप परिश्रम कर लें कुछ नहीं हासिल होने वाला।
शुभम कुमार यश की फेसबुक वॉल से साभार
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