Sunday, February 28, 2021

मिशन सिविल सेवा : सफलता के लिए इन गुणों को करें मजबूत

-शिखा सिंह



सिविल सेवक बनने के इच्छुक व्यक्ति में निम्नलिखित गुण होने चाहिएं-

धैर्य और दृढ़ता

यह परीक्षा आपके धैर्य की बहुत कठिन परीक्षा है। एक लाख में से चंद लोग ही इसे पहले प्रयास में पास करते हैं। इसे साल-दर-साल दोहराने के लिए तैयार रहें, तब तक, जब तक कि या तो आप पास नहीं हो जाते या फिर बैठने के लिए अयोग्य नहीं हो जाते। आपको ग्रटिफिकेशन डिले करने की क्षमता सीखनी होगी, जहां आपको अल्पकालिक खुशी को एक तरफ रखना होगा ताकि आप दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें। क्या आप यह कर सकते हैं?

मेहनत करने की क्षमता

लंबे समय तक एक साथ पढऩे की क्षमता। स्वयं अध्ययन के लिए खुद को मोटिवेट करने की क्षमता।

नई चीजें सीखने की क्षमता

यदि आपको एक नया विषय दिया जाता है, तो आप अपने साथियों की तुलना में इसे कितनी तेजी से सीख सकते हैं?

मानसिक स्पष्टता और योग्यता

अनंत सुझावों/सामग्री/पुस्तकों/टॉपर वार्ता से प्रभावित नहीं होने की क्षमता। आपके पास एक सिंगल पॉइंटेड रणनीति होनी चाहिए और उस रणनीति को लागू करने के लिए निर्ममता होनी चाहिए।

भावनात्मक स्थिरता

जब चीजें आपके रास्ते पर नहीं जातीं तो शांत और ठंडा रहने की क्षमता। मेरा विश्वास कीजिये कि ऐसे क्षण होंगे जब चीजें आपकी योजना के अनुसार नहीं होंगी। आप शेड्यूल के पीछे हो सकते हैं, मॉक्स में उम्मीदों के अनुसार नंबर नहीं आयेंगे, लिखित उत्तर में गुणवत्ता नहीं झलक रही। अनंत चीजें हैं जो गलत हो सकती हैं। मैं तो कह रही हूँ कुछ ना कुछ गलत हो ही जाएगा। क्या आप उन क्षणों में शांत, ठंडे और स्थिर बने रह सकते हैं?

सिविल सेवक बनने के लिए गहन आंतरिक प्रेरणा

यह सिर्फ एक आकर्षण नहीं होना चाहिए जो हमें आईएएस अधिकारियों और आईपीएस अधिकारियों को देखकर या टॉपरों की बातचीत को देखकर मिलता है। न तो यह आपका भागने का मार्ग होना चाहिए क्योंकि आप अपनी नौकरी पसंद नहीं करते हैं या इसलिए कि आप किसी अन्य नौकरी को पा रहे हैं इसलिए इधर आ रहे हैं। बाह्य प्रेरणा मुसीबत और निराशावाद के क्षण में दूर हो जाएगी। जो कुछ भी आपकी आंतरिक प्रेरणा है- पैसा, सम्मान, शक्ति, बदला, सेवा - सवाल यह है कि क्या आप 2-3 साल (या इससे भी अधिक) के लिए आंतरिक प्रेरणा को बनाए रख सकते हैं?
उन विषयों में गहरी रुचि जो यूपीएससी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। वैसे आपको कला और संस्कृति में रुचि रखने की आवश्यकता नहीं है (कोई भी व्यक्ति इसमें रूचि नहीं रखता), लेकिन इसके अलावा, यह वास्तव में आवश्यक है कि पाठ्यक्रम में वर्णित विषयों पर आपकी सक्रिय रुचि और जिज्ञासा हो।
स्वीकार करने की क्षमता, कि हम जो कर सकते हैं, उसे करने के बाद, जो हम पढ़ सकते हैं, उसे पढ़कर, फिर भी भाग्य धोखा दे सकता है। किस्मत बहुत बड़ा कारक है। आपको मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए कि बुरी किस्मत के कारण कुछ भी गलत हो सकता है।

-शिखा सिंह की फेसबुक वॉल से साभार

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