Tuesday, May 17, 2022

असफलताओं को पीछे छोड़ पीसीएस अधिकार बने अरविंद

जीवन के लिए लक्ष्य तय किया, उसमें आने वाले बाधाओं को पार कर एक युवक जो इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल हुआ, वह आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा पास कर श्रम प्रवर्तन अधिकारी बन गया है।
जी हां, सिर्फ मंजिल पर नजर रखने वाले ही ऐसा कर दिखाते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पौड़ी जिले के नैनीडाडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत बड़ेथ निवासी अरविंद सिंह नेगी की। अरविंद सिंह ने वर्ष 2003 में हाईस्कूल की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की। वर्ष 2005 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दी, किंतु असफल रहे। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी और प्रथम श्रेणी प्राप्त की।
पिता मेरठ में चाय की दुकान लगाते हैं। उन्होंने चाय की दुकान पर काम करते हुए ही बीकॉम व एमकॉम की डिग्री भी हासिल की। व्यापारियों के बहीखाते भी संभाले। साथ ही पिता का भी हाथ बंटाते रहे। वर्ष 2013 में पहली बार पीसीएस की परीक्षा दी, लेकिन चूक गए। वर्ष 2015 में उन्होंने फिर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा दी। इस परीक्षा का परिणाम हाल ही में घोषित हुआ। इसमें अरविंद का चयन श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर हुआ है।
असफलाओं से ना घबराकर अपनी मंजिल पर निगाहें रखने वाले अरविंद को अब वर्ष 2016 में दी गई पीसीएस (अपर) परीक्षा के परिणामों का इंतजार है। जबकि, वर्ष 2017 पीसीएस का मेन एग्जाम देना भी बाकी है।
असफलाओं की चोटें सहते हुए भी अरविंद ने मंजिल की ओर कदम बढ़ाना नहीं रोका।


किसी ने विद्वान ने बिल्कुल ठीक कहा है-
मनुष्य का मन कछुए की भांति होना चाहिए, जो बाहर की चोटें सहते हुए भी अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ता और धीरे-धीरे मंजिल पर पहुंच जाता है।

*6 मई, 2018 को समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी पर आधारित

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