Sunday, July 25, 2021

कैसे करें आईएएस की तैयारी

आईएएस की परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के मन में अनेक प्रश्न उठते रहते हैं, इन्हीं में से कुछ प्रश्नों के उत्तर बता रहे हैं विकास सिंह


प्रश्न- आईएएस में कितनी परीक्षाएं होती हैं?
उतर- इस परीक्षा में तीन चरण होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं- एक GS और एक CSAT। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् मुख्य परीक्षा होती है जिसमें 9 पेपर होते हैं। इसमें 2 पेपर भाषा के, 4 पेपर सामान्य अध्ययन के, 2 पेपर एक वैकल्पिक विषय के और 1 पेपर निबंध का होता है। मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् इंटरव्यू या साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।

प्रश्न- तैयारी की शुरुआत कब करें?
उत्तर- सिविल सेवा की तैयारी आप ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में शुरू कर सकते हैं। अगर किसी कारण से विलम्ब हो गया है तो कोई बात नहीं। आप कभी भी तैयारी शुरू कर सकते हैं, बस आप दृढ़ संकल्पित और अपना सर्वोत्तम देने के लिए तत्पर हों।

प्रश्न- किस माध्यम का चुनाव करें?
उत्तर- माध्यम वही चुने जिसमें आप अपना सर्वोत्तम दे सकें। लोगों की दकियानुसी बातों पर न जाएं। हर वर्ष हिंदी माध्यम के भी अभ्यर्थी सफल होते हैं। अत: हिंदी में लेखन शैली को लगातार बेहतर बनाने का प्रयास करें।

प्रश्न- क्या आईएएस और आईपीएस के लिए अलग अलग परीक्षाएं होती हैं?
उत्तर- नहीं। संघ लोक सेवा आयोग वर्ष में एक बार कॉमन परीक्षा आयोजित करता है जिसमें सफलता के बाद प्राप्त रैंकों के आधार पर आपको IAS, IPS, IFS और IRS जैसी सेवाओं में भेजा जाता है।

प्रश्न- क्या कोचिंग लेना अनिवार्य है?
उत्तर- बिल्कुल नहीं। माना कोचिंग आपका काम आसान करती है लेकिन किसी भी शास्त्र में यह नहीं लिखा कि बिना कोचिंग के अभ्यर्थी सफल नहीं होते। हर वर्ष का रिजल्ट बताता है कि 100+ अभ्यर्थी बिना कोचिंग के सफल हो रहे हैं।

प्रश्न- तैयारी के लिए कितना समय पर्याप्त है?
उत्तर - अगर आप अभी शुरुआत करना चाहते हैं तो आपकी तैयारी के लिए 18 माह पर्याप्त होंगे। शुरुआत के 3 माह में NCERT को ठीक से तैयार कर लीजिये। इसके बाद 12 माह आपकी विषयानुसार तैयारी के लिए। और अंतिम 3 माह मॉक टेस्ट और रिवीजन के लिए रखिये।

प्रश्न- ऑप्शनल पेपर का चुनाव कैसे करें?
उत्तर- बहुत से छात्रों की यह दुविधा होती है कि वैकल्पिक पेपर कौन सा चुने? हमारी उनको विशेष सलाह है कि वैकल्पिक पेपर के चुनाव के समय आप सिर्फ अपनी रुचि का ध्यान रखिये। किसी की सलाह का नहीं। अक्सर छात्र सफल अभ्यर्थियों के इंटरव्यू पढ़कर उनके विषय को ही अपना वैकल्पिक बना लेते हैं। यह घातक हो सकता है क्योंकि जरुरी नहीं कि जिस विषय में वे सुलभ हो उसे आप भी उसी तरह अपना पाएं। सबकी अपनी अलग-अलग रुचि होती है, किसी को भूगोल बड़ी आसान लगती है और बहुत से ऐसे भी हैं जिन्हें भूगोल से बड़ा डर लगता है। हर ऑप्शनल पेपर से अभ्यर्थी सफल हुए हैं। और हम खुद यह बिल्कुल नहीं मानते कि कोई विषय कम-ज्यादा स्कोरिंग होता है। यह आपकी लेखन शैली पर निर्भर करता है कि आप कितनी हद तक निरीक्षक को प्रभावित कर पाते हैं।

विकास सिंह की फेसबुक वॉल से साभार

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